Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह) Hindi Quotes

Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह) Hindi Quotes 02


1



मेरा एक ही धर्म है, और वो है देश की सेवा करना।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




2



बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है कि बुरे लोग बढ़ गए है बल्कि बुराई इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये है।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




3



किसी को ‘क्रांति’ शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं की जा सकती।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




4



विद्रोह कोई क्रांति नहीं है। यह अंततः उस अंत तक ले जा सकता है।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




5



क्रांति की तलवारें तो सिर्फ विचारों की शान से तेज की जाती हैं।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




6



मेरे सीने में जो जख्म है वो जख्म नहीं फूलो के गुच्छे है, हमें तो पागल ही रहने दो हम पागल ही अच्छे है।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




7



यदि बहरों को सुनना है तो आवाज को बहुत जोरदार होना होगा. जब हमने बम गिराया तो हमारा उद्देश्य किसी को हानि पहुंचना नही था।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




8



क्रांति में अनिवार्य रूप से संघर्ष शामिल नहीं था। यह बम और पिस्तौल का मत नहीं था।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




9



मुझे कभी भी अपनी रक्षा करने की कोई इच्छा नहीं थी, और कभी भी मैंने इसके बारे में गंभीरता से नहीं सोचा।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




10



स्वतंत्रता हर इंसान का कभी न ख़त्म होने वाला जन्म सिद्ध अधिकार है।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




11



निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार यह क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




12



मैं एक इंसान हूँ। वो हर बात मुझे प्रभावित करती है जो इंसानियत को प्रभावित करे।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




13



इंसानों को तो मारा जा सकता है, पर उनके विचारों को नहीं।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




14



देशभक्त को अक्सर सभी लोग पागल समझते हैं।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




15


वो हर व्यक्ति जो विकास के लिए खड़ा है,उसे हर एक रुढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी,उसके प्रति अविश्वास करना होगा और उसे चुनोती देनी होगी।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




16



जिंदगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के कन्धों पर तो जनाजे उठाये जाते है।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




17



प्रेमी, कवि और पागल एक ही चीज़ से बने होते हैं। क्योंकि लोग अक्सर देशप्रेमी को पागल कहते है।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




18



राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आजाद हैं।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)




19



इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ तो इंक़लाब लिख जाता है।

- Bhagat Singh (शहीद भगत सिंह)


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